Apr 24, 2022

रविवार के दिन ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा, होगी सभी समस्या दूर, जानिए अच्छे से


आज रविवार का दिन है यानी सूर्यदेव का दिन। हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है। इसी के अनुसार आज सूर्य देव कि पूजा की जाती है  

सूर्य देवता को सभी ग्रहों का राजा बोला जाता है। सूर्य देवता को कलयुग में एकमात्र दृश्य देवता के तौर पर भी माना जाता है। अगर आप सूर्य देव कि नियमित रूप से पूजा करेंगे तो आपके जीवन में शांति और खुशहाली आएगी। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, सुबह नहाने के बाद रोजाना सूर्य देवता को जल अर्पित करने और रोज सूर्य नमस्कार करने से जीवन में बड़ा बदलाव आता है। वैदिक काल में भी भगवान सूर्य देवता की उपासना के बारे ने बताया गया है। इसके साथ ही धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख किया गया है। हम सब जानते है कि महाभारत काल में रानी कुंती को सूर्य देव की कृपा से पुत्र की प्राप्ति हुई थी। इसके साथ ही वेदों में भी सूर्य देवता को सेहत, जीवन और शक्ति के देवता के तौर पर माना जाता है।


मान्यता के अनुसार, अगर आप रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करते है तो इससे आपका भाग्य उदय होगा। साथ ही रविवार के दिन देवता की उपासना कर सुबह-सुबह स्नान करके भगवान सूर्यदेव की पूजा की पाठ करनी चाहिए। वहीं सूर्य देव की धूप, दीप और पुष्प चढ़ाकर पूजा करें। आखिर में आरती करे। ऐसा करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।  

 सूर्य देव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान,

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।