लेक सिटी उदयपुर में तेज गर्मी के चलते रविवार को अचानक सज्जनगढ़ अभ्यारण्य (Sajjangarh sanctuary) के जंगल में आग लग गई. सुबह लगी आग (Fierce fire) ने देखते-देखते शाम तक विकराल रूप धारण कर लिया. वनकर्मी दिनभर आग बुझाने में जुटे रहे. आग पर काबू पाने के लिये नगर निगम की दमकलें भी मौके पर पहुंची. सुबह से शाम तक आग बुझाने के लगातार प्रयास किये जाते रहे. इस बीच सज्जनगढ़ के प्रवेश द्वार पर्यटकों के लिए बंद कर दिये गये. ऐसे में सज्जनगढ़ पहुंचने वाले लोगों को बैरंग लौटना पड़ा. आग पर मोटे तौर काबू पा लिया गया है. लेकिन कुछ इलाकों में अभी भी धुंआ उठ रहा है. वन विभाग के कर्मचारियों और नगर निगम की दमकलें अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं.
सज्जनगढ़ अभ्यारण्य में बायोलॉजिकल पार्क भी है. वहां बड़ी तादात में वन्य जीव हैं. इसके चलते वन्यजीवों की सुरक्षा करना भी बड़ा मुश्किल हो गया. लेकिन वन विभाग की टीमें और नगर निगम की टीमें आग बुझाने के लिए कड़ी मेहनत से काम करते रहे. आग रविवार को सुबह सज्जनगढ़ के पिछले हिस्से में सुलगी थी. वह बाद में गौरेला पॉइंट से रोड किनारे की तरफ पहाड़ी तक पहुंच गई.
दिनभर करीब 50 से अधिक वनकर्मी जुटे रहे
वहां चट्टानें और खड़ी चढ़ाई होने से आग बुझाने के प्रयास विफल रहे. आग के कारण उदयपुर शहर से सज्जनगढ़ की पहाड़ियों से उठता हुआ धुआं दूर-दूर तक दिखायी देता रहा. दिनभर करीब 50 से अधिक वनकर्मी और श्रमिक आग बुझाने के प्रयास करते रहे. इसके चलते कुछ इलाकों में आग बुझा दी गई लेकिन रह-रहकर आगे से आगे बढ़ती गई. गमीनत यह रही कि वनकर्मियों की कड़ी मेहनत के कारण आग को बायोलॉजिकल पार्क तरफ आने से रोक दिया गया.
करीब 10 हेक्टेयर क्षेत्र में यह फैली आग
वनकर्मियों ने बताया कि करीब 10 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली यह आग देर रात तक पूरी तरह से नहीं बुझ पाई. सज्जनगढ़ पहाड़ी के गोरिल्ला पॉइंट की ओर आग रात तक भी सुलगती रही. इस बार प्रचंड गर्मी के चलते लेकसिटी उदयपुर में पहाड़ी और वन क्षेत्रों में आग लगने के मामले दिन- ब-दिन सामने आ रहे हैं. आग की लपटों से जहां वनस्पति को बड़ा नुकसान हो रहा है वहीं बड़ी मात्रा में वन्य जीवों के जीवन पर खतरा मंडराता रहता है. लेकसिटी में पिछले एक सप्ताह में करीब चार से पांच जगह अलग अलग वन क्षेत्रों में आग लगने के मामले सामने आये हैं.
