Apr 18, 2022

झारखंड में प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारकों पर फ्री इलाज बंद, जानिए कारण


गरीबों के इलाज के लिए केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को नर्सिंग होम संचालक नहीं मान रहे हैं। नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारक का इलाज बंद है। कोरोना काल में जमशेदपुर के कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है। लोग अपना कार्ड लेकर जा रहे हैं लेकिन निजी अस्पताल उसको मानने से इनकार कर रहे हैं। जहां पहले आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का इलाज होता था, वहां भी अब इलाज नहीं हो रहा है। जिले में 408453 बीपीएल परिवार के 629157 सदस्यों के पास गोल्डन कार्ड है।

भास्कर टीम ने शनिवार को शहर में आयुष्मान योजना के तहत रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों की पड़ताल की तो पता चला- अस्पतालों ने फ्री इलाज बंद कर दिया है। जो इलाज कर रहे हैं वे पैसे ले रहे हैं। केवल ऑपरेशन ही आयुष्मान के तहत करने की बात कहते हैं। मरीजों से डॉक्टर के देखने, रजिस्ट्रेशन, ओपीडी, जांच के नाम पर करीब पांच हजार रुपए तक वसूल रहे हैं।

सिर्फ 4 अस्पतालों ने कहा- आप मरीज ले आइए, बाकी ने बहाने बनाकर मना किया

ये अस्पताल इलाज को तैयार

किडनी केयर सेंटर, हावड़ा ब्रिज साकची

डाॅ. डीके मिश्रा नेफ्रो एंड डायग्नोस्टिक सेंटर, बाराद्वारी

मर्सी अस्पताल, बारीडीह

अपूर्वा इशान, गोलमुरी

इन अस्पतालों ने इलाज करने में असमर्थता जताई

मयंक मृणाल अस्पताल मानगो

गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल, मानगो

स्मृति सेवा सदन, मानगो

सेंट जोसेफ हॉस्पिटल, बालीगुमा

​​​​​​​दया हॉस्पिटल, मानगो

​​​​​​​एएसजी आई हाॅस्पिटल, साकची

एपेक्स अस्पताल, बाराद्वारी

​​​​​​​हॉली केयर क्लीनिक, बाराद्वारी

साईं पाॅली क्लीनिक, बारीडीह

लक्ष्मी नर्सिंग होम, बिरसानगर

​​​​​​​नो-प्लस डायलिसिस सेंटर, साकची (​​​​​​​रेड क्रॉस भवन)

जमशेदपुर आई हॉस्पिटल, साकची

​​​​​​​स्टील सिटी क्लीनिक एंड रिसर्च सेंटर, बिष्टुपुर

​​​​​​​क्या कहते हैं अधिकारी

इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं, शिकायत पर जांच की जाएगी

आयुष्मान से जुड़े बिल नर्सिंग होम द्वारा सीधे कंपनी को दिया जाता है। डॉक्टर व अधिकारियों की टीम मानिटरिंग करती है। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। किसी अस्पताल द्वारा फर्जीवाड़ा व मरीजों का इलाज नहीं करने की शिकायत पर मैं जांच कर कार्रवाई कर सकता हूं। वैसे पहले ही सभी नर्सिंग होम संचालकों को निर्देश दिया गया है कि आयुष्मान से जुड़े लाभार्थियों का इलाज सुनिश्चित करें अन्यथा वैसे नर्सिंग होम की संबद्धता तत्काल रद्द कर दी जाएगी।

डाॅ एके लाल, सिविल सर्जन

पॉकेट से पैसा लगाकर इलाज नहीं कर सकते

आपदा की स्थिति में नर्सिंग होम में इलाज किया जा रहा है। आयुष्मान कार्डधारक के इलाज की राशि ही सरकार की ओर से नहीं मिलती है। पेमेंट नहीं मिलने के कारण इलाज करने में आनाकानी की जाती है। कई गलत लोगों के भी आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। डॉक्टर अपने पॉकेट से पैसा लगाकर गरीबों का इलाज नहीं कर सकते।