Apr 18, 2022

लखीमपुर कांड में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द और सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में सरेंडर करने का दिया आदेश


लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द (Bail canceled) कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को रद्द करते हुए आरोपी को सरेंडर करने का आदेश जारी किया है. सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लखीमपुर कांड में आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया. साथ ही आशीष को एक हफ्ते के अंदर पुलिस के सामने सरेंडर करने को कहा है.

एक हफ्ते में करना होगा सरेंडर

सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने की किसानों की याचिका पर 4 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका मंजूर करने के इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब मामले की सुनवाई अभी शुरू होनी बाकी है, तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चोटों की प्रकृति जैसी अनावश्यक बातों पर गौर नहीं किया जाना चाहिए.विशेष पीठ ने इस तथ्य का कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझाव के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर नहीं की.

वकील ने दी थी ये दलील

किसानों की ओर से पेश हए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने दलील दी कि थी की हाईकोर्ट ने व्यापक आरोप पत्र पर विचार नहीं किया, बल्कि प्राथमिकी पर भरोसा किया. राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा था कि आरोपी के देश से बाहर जाने की आशंका नहीं है और उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है.

पीड़ित परिवारों ने दी थी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार और आशीष मिश्रा से जवाब मांगा था. पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था. इससे पहले, किसानों की ओर से पेश वकील ने 10 मार्च को एक प्रमुख गवाह पर हुए हमले का जिक्र किया था. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों ने आशीष मिश्रा को जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.