जब भी शिव जी की पूजा होती है तो उसमें हर हर महादेव का जयकारा लगाया जाता है। जानें क्या है इसका महत्व, साथ ही पढ़ें हर हर महादेव की पूरी आरती।
शिव भक्त जब तक जोर से हर हर महादेव का जयकारा न लगा लें, तब तक भक्ति रस पूरा नहीं होता है। सावन के महीने में तो खासतौर पर शिवालयों में भक्तों की भीड़ इस जयघोष के साथ ही शिवलिंग का अभिषेक करती है। हालांकि यहां हर शब्द दरअसल हारा होता है जो संस्कृत से लिया गया है।
बता दें कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शिव जी को पूरे ब्रह्मांड को सृजनकर्ता माना गया है। हालांकि उनको पालक और संहारक भी माना गया है। हर हर महादेव उनकी इसी महिमा का वर्णन करता है। महादेव का अर्थ है महा + देव यानी जो देवों का देव हो या देवों में सबसे श्रेष्ठ हो।
Har Har Mahadev Aarti meaning
इस आरती में अलग अलग विशेषणों के साथ शिव जी की महिमा और उनके रूप का वर्णन किया गया है।
हर हर महादेव की आरती में हर यानी हारा शब्द का अर्थ है दुखों कष्टों को हरने वाला। महादेव का अर्थ है कि जो देवों में श्रेष्ठ हो। शिव शंकर आदि देव का अर्थ है कि वह बाधाओं को दूर करते हैं। उनको आदि देव कहा गया है यानी जिसका न तो जन्म है और न ही मरण।
परमेश्वर अखिलेश्वर का अर्थ है जो धरती पर सभी चीजों का दाता है। तांडव प्रिय शशिशेस्वर का अर्थ है कि जो तांडव करता है और सिर पर चांद को धारण किए हुए है। विश्वधर विश्वनाथ का अर्थ है कि जो इस दुनिया का मकसद है और अपने बालों में गंगा को बांधे हुए हैं। ऐसे ही जटाजूट चंद्रधारी का अर्थ है कि जिसके बाल लंबे हैं और जो सिर पर चांद धारण किए हुए है।
