अदालत ने नेशनल असेंबली को भी बहाल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का ये फ़ैसला इमरान ख़ान सरकार के लिए बड़ा झटका है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में ये भी कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली को भंग करने की सलाह नहीं दे सकते थे.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को 9 अप्रैल, शनिवार को, असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश भी दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जाए.
कड़ी सुरक्षा में फ़ैसला
इससे पहले इस फ़ैसले के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. अदालत के बाहर दंगारोधी बल भी तैनात किए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस उमर अता बांदियाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय बैंच ने ये फ़ैसला सुनाया है.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर एक में ये फ़ैसला सुनाया गया.
बैंच में चीफ़ जस्टिस के अलावा जस्टिस इजाज़ुल अहसान, जस्टिस मज़रह आलम मियांखेल, जस्टिस मुनीब अख़्तर और जस्टिस जमाल ख़ान मंडोखेल शामिल थे.
पांचों जजों की बैंच ने एकमत से ये फ़ैसला सुनाया गया है.
इससे पहले अदालत में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के चीफ़ जस्टिस ने कहा था कि डिप्टी स्पीकर क़ासिम ख़ान सूरी के अविश्वास प्रस्ताव को रद्द करने के फ़ैसले में ख़ामियां हैं.
अपना फ़ैसला सुरक्षित रखते हुए अदालत ने कहा था कि 'वास्तविक सवाल ये है कि आगे क्या होगा.' अदालत ने ये भी कहा था कि "हमें राष्ट्र हित का ध्यान रखना है."
अदालत के फ़ैसले से पहले विपक्ष के नेता शहबाज़ शरीफ़ ने अदालत से नेशनल असेंबली को बहाल करने की अपील की थी.
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और फिर नेशनल असेंबली को भंग करने के फ़ैसले पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था.
चुनाव आयुक्त को तलब किया
सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसले सुनाने से पहले अदालत ने पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त को तलब किया. रिपोर्टों के मुताबिक अदालत के समक्ष चुनाव आयोग ने कहा कि वो तीन महीनों के भीतर चुनाव कराने के लिए तैयार हैं.
फ़ैसले में खामी
मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान ख़ान सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर डिप्टी स्पीकर के वोटिंग नहीं कराने पर कहा है कि इस फ़ैसले में ख़ामी है.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने कहा, ''एक बात साफ़ है कि आदेश सही नहीं है. अगला क़दम क्या होगा?"
लोकतंत्र सबसे बेहतरीन बदला हैः बिलावल भुट्टो
पूर्व प्रधानमंत्री बेनेज़री भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो ने अदालत के फ़ैसले के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि लोकतंत्र सबसे बेहतरी बदला है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "लोकतंत्र सबसे बेहतरीन बदला है, जिया भुट्टो, जिया अवाम, पाकिस्तान ज़िंदाबाद
वहीं अदालत के फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए विपक्ष के नेता मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने कहा, "ये अवाम की जीत है, पिसी हुई क़ौम की जीत है, अदालत ने क़ौम की उम्मीदों पर पूरा उतरते हुए संतोषजनक फ़ैसला दिया है. कल हम अब जुमे की नमाज़ के दौरान दो रक़ात शुक्राने की नमाज़ पढ़ेंगे और पाकिस्तान की बेहतरी के लिए दुआएँ करेंगे.
डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया था
पाकिस्तान में बीते रविवार (3 अप्रैल, 2022) को प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी लेकिन संसद के डिप्टी स्पीकर ने वोटिंग न कराकर इसे असंवैधानिक क़रार देते हुए रद्द कर दिया.
उन्होने इसके लिए संविधान के अनुच्छेद पांच का हवाला दिया.
डिप्टी स्पीकर क़ासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव रद्द करते हुए कहा था कि चुनी हुई सरकार को किसी विदेशी ताक़त को साज़िश के ज़रिए गिराने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.
इसके तुरंत बाद इमरान ख़ान ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफ़ारिश की जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार करते हुए आदेश जारी कर दिया.
इसके साथ ही पाकिस्तान में संसद भंग हो गई और इमरान ख़ान कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन गए.
इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और कोर्ट को तय करना था कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग न करने का स्पीकर का फ़ैसला संवैधानिक है या नहीं.
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए पलट दिया है.
